Welcom to : SHIVSHAKTI Multipurpose Sci-Tech Foundation®

सत्यम् शिवम् सुन्दरम्

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ।।

Sunday, October 10, 2010

आरती भगवान शिव की -03


हर हर हर महादेव !

सत्य
, सनातन, सुंदर, शिव ! सबके स्वामी ।
अविकारी
, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥१॥ हर हर०

आदि अनंत
, अनामय, अकल, कलाधारी ।
अमल
, अरूप, अगोचर, अविचल अघहारी ॥२॥ हर हर०

ब्रह्मा
, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता
, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी ॥३॥ हर हर०

रक्षक
, भक्षक, प्रेरक, तुम औढरदानी ।
साक्षी
, परम अकर्ता कर्ता अभिमानी ॥४॥ हर हर०

मणिमय भवन निवासी
, अति भोगी, रागी ।
सदा मसानबिहारी
, योगी वैरागी ॥५॥ हर हर०

छाल
, कपाल, गरल, गल, मुंडमाल व्याली ।
चिताभस्म तन
, त्रिनयन, अयन महाकाली ॥६॥ हर हर०

प्रेत-पिशाच
, सुसेवित पीत जटाधारी ।
विवसन
, विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी ॥७॥ हर हर०

शुभ्र
, सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी ।
अतिकमनीय
, शान्तिकर शिव मुनि मन हारी ॥८॥ हर हर०

निर्गुण
, सगुण, निरंजन, जगमय नित्य प्रभो ।
कालरूप केवल
, हर ! कालातीत विभो ॥९॥ हर हर०

सत-चित-आनँद
, रसमय, करुणामय, धाता ।
प्रेम-सुधा-निधि
, प्रियतम, अखिल विश्व-त्राता ॥१०॥ हर हर०

हम अति दीन
, दयामय ! चरण-शरण दीजै । सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै ॥११॥ हर हर

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Symbolism of Shiv Ling (or Shiva Linga) in Hinduism : शिवलिंग का रहस्य

ShivShakti Ekatm Rahasya