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सत्यम् शिवम् सुन्दरम्

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ।।

Monday, August 08, 2011

विद्वत्त्वं च नृपत्वं च



विद्वत्त्वं च नृपत्वं च नैव तुल्ये कदाचन।
स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान्‌ सर्वत्र पूज्यते॥
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स्वगृहे पूज्यते मूर्खः स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः।
स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान्सर्वत्र पूज्यते॥
मूर्ख की अपने घर में पूजा होती है. मुखिया की अपने गाँव में पूजा होती है. राजा की अपने देश में पूजा होती है. लेकिन विद्वान की हर जगह पूजा होती है




Symbolism of Shiv Ling (or Shiva Linga) in Hinduism : शिवलिंग का रहस्य

ShivShakti Ekatm Rahasya